Water Fired Stove: जलवायु परिवर्तन आज पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। इसका सीधा असर हमारे दैनिक जीवन पर पड़ता है। इससे न केवल मौसम व्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि सैकड़ों अरबों डॉलर का नुकसान भी हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता समाप्त करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया है।
आज कई कंपनियां इस पर काम कर रही हैं। पानी से चलने वाला चूल्हा बहुत कम कीमत पर और बिना प्रदूषण के खाना बनाएगा। चीन में रहने वाले एक भारतीय इनोवेटर राजेश पुरोहित ने हाल ही में वाटर फायर्ड स्टोव बनाया है, जो पानी से चलता है। इस चूल्हे के इस्तेमाल से बहुत ही कम लागत और बिना किसी प्रदूषण के खाना बनाया जा सकता है।
राजेश पुरोहित ने बताया कि उनका हाइड्रोजन एटीएम उत्पाद इलेक्ट्रोलिसिस तकनीक पर आधारित है, जिसमें हाइड्रोजन और पानी के अणुओं को अलग किया जाता है। ऐसा करने से ऊर्जा का निर्माण होता है, और उत्पन्न ऊष्मा पारंपरिक विद्युत तापन विधि की तुलना में 5 गुना अधिक होती है। यह एक अक्षय ऊर्जा है और इससे किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है।
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Water Fired Stove 9 साल में बना यह उत्पाद
राजेश पुरोहित ने बताया कि इस उत्पाद पर शोध करने और इसे बनाने में उन्हें 9 साल लगे। इसे बनाने में सबसे बड़ी चुनौती इसके पुर्जों को विकसित करना था, क्योंकि इसके पुर्जे खास तौर पर बाजार में अभी उपलब्ध नहीं हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इस समय इस उत्पाद जैसा कोई अन्य उत्पाद बाजार में मौजूद नहीं है। हालांकि उनका कहना है कि जल्द ही ऐसे उत्पाद बाजार में दिखने लगेंगे। चाहे वह हीटर हो, गीजर हो या कोई अन्य ताप उपकरण।
यह तकनीक लगभग सभी में इस्तेमाल होती नजर आएगी
किसी भी अन्य गैस तकनीक की तुलना में सबसे सुरक्षित
राजेश पुरोहित ने कहा कि ऐसे उत्पादों के लिए एलपीजी, पेट्रोल, डीजल आदि की आवश्यकता नहीं होती है। साथ ही यह उपकरण बढ़ती महंगाई में आपकी जेब को काफी हद तक ढीला होने से बचाएगा।
राजेश पुरोहित ने कहा कि यह तकनीक आम तौर पर किसी भी अन्य गैस प्रौद्योगिकी की तुलना में अधिक सुरक्षित है, क्योंकि इसमें कोई ईंधन संग्रहीत नहीं है, इसलिए यह संग्रहीत ईंधन प्रौद्योगिकी की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
जलवायु को प्रभावित नहीं करेगा
अक्षय ऊर्जा के पैरोकार राजेश पुरोहित का कहना है कि अक्षय ऊर्जा कभी न खत्म होने वाला स्रोत है और यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। जबकि जीवाश्म ऊर्जा हमारे आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट कर देती है और जलवायु को प्रभावित करती है, यह समय है कि लोग अक्षय ऊर्जा की ओर रुख करें। यह सभी के लिए फायदेमंद है।
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