बड़वाह एक्वाडक्ट पुल से बस व भारी वाहनों के आवागमन पर भी लगा प्रतिबंध

एक्वाडक्ट पुलबड़वाह एक्वाडक्ट : – इंदौर इच्छापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले मोरटक्का पुल के बंद होने से महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश राज्य से कई सीधे संपर्क कट गए हैं। इससे सरकार को राजस्व के रूप में भारी नुकसान भी हो रहा है। नर्मदा के खतरे के निशान से ऊपर बहने के बाद मोरटक्का पुल से यातायात बंद कर दिया गया। जिसके बाद एक्वाडक्ट ब्रिज से हल्के वाहन गुजर रहे थे।

बड़वाह एक्वाडक्ट पुल से बसों को हटाया जा रहा है

लेकिन अब एक्वाडक्ट ब्रिज से यातायात भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। वजह है लगातार हैवी ट्रैफिक गुजरने के कारण। सड़क का सीमेंट उखड़ने लगा है। सड़क के अंदर से सड़क निकलने लगी है। स्थानीय प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इस पुल को बंद कर दिया है. जबकि मोरटक्का पुल से अभी भी बाइक और चार पहिया वाहन गुजर रहे हैं।

जलसेतु पुल मार्ग का निरीक्षण किया

शुक्रवार दोपहर एनवीडीए के कार्यपालक अभियंता ललित वर्मा एसडीएम बीएस कलेश थाना प्रभारी प्रकाश वास्कले व जिला सीईओ रोहित पचौरी ने मोरटक्का पुल का निरीक्षण किया. उन्होंने देखा कि सड़क के कुछ जोड़ों के आसपास का सीमेंट उखड़ गया था। उसके बाल दिखने लगे हैं।

इस दौरान सभी ने आपस में चर्चा के बाद एक्वाडक्ट ब्रिज से वाहनों की आवाजाही रोकने का फैसला लिया है. गौरतलब है कि एनवीडीए द्वारा पुल के निर्माण का उद्देश्य ओंकारेश्वर परियोजना की नहर को मोरटक्का से बड़वाह तक लाना था. या बार-बार गुजरने वाले यातायात के लिए नहीं बनाया गया था।

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लेकिन मोरटक्का पुल के बंद होने की स्थिति में विकल्प के तौर पर जलसेतु पुल से यातायात शुरू कर दिया गया. अब इसे भी बंद कर दिया गया है। अगर मोरटक्का पुल को फिर से बंद करने की जरूरत है। जबकि इस मार्ग पर 10 दिन से अधिक समय से भारी वाहन बंद हैं।

जलसेतु पुल पर भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित

एसडीएम श्री कलेश ने बताया कि इस पुल पर कहीं-कहीं सीमेंट की परत नजर आ रही है. जबकि यह एक्वाडक्ट ब्रिज भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित है। गौरतलब है कि एसडीएम समेत तमाम अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी कि यह एक्वाडक्ट ब्रिज महज 10 टन क्षमता का है।

इसके बावजूद इस पुल पर भारी वाहनों के लिए रूट डायवर्ट किया गया। दिखाई दिया। तब एसडीएम श्री कलेश एक्वाडक्ट ब्रिज पर भारी क्षमता वाले वाहनों पर रोक लगाने की बात कर रहे हैं। वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर प्रशासन पुराने पुल को छोड़ने के लिए स्कूल बसों की व्यवस्था करे, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर न पड़े।

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