मेले बाबू ने थाना थाया : रेस्टोरेंट मालिक गौरव पटवा ने बताया कि इस अनोखे नाम के पीछे उनकी मंशा थी कि कोरोना काल में कुछ देर के लिए भी लोग यह नाम सुनकर मुस्कुरा दें। क्योंकि इसका खाना अपने अनोखे नाम की वजह से चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस रेस्टोरेंट ने अपने नाम से एक अलग पहचान बनाई है, जिसे सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है. दरअसल इंदौर के सराफा बाजार और 56 दुकानों ने देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। साथ ही यहां खाने की भी कई वैराइटी मिलती हैं। इसी बीच इंदौर का एक रेस्टोरेंट अपने अनोखे नाम ‘मेले बाबू ने थाना थाया’ को लेकर सुर्खियों में है।
जब इस नाम की चर्चा रेस्टोरेंट के ग्राहक राहुल चौकसे से की गई तो उन्होंने कहा कि मालिक ने अपने रेस्टोरेंट को बहुत अच्छा नाम दिया है। प्यार करने वालों को यह नाम बेहद पसंद आएगा। ‘बाबू’ शब्द का इस्तेमाल हर लड़की अपने प्रेमी या मां अपने बेटे के लिए करती है। यह सुनकर सभी युवा आना चाहेंगे।
गौरव पटवा बचपन से ही रेस्टोरेंट खोलना चाहते थे।
वहीं जब रेस्टोरेंट के मालिक गौरव पटवा से इस रेस्टोरेंट के अनोखे नाम ‘मेले बाबू ने थाना थाया’ के पीछे की कहानी पूछी तो उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही इस लाइन को सुनते आ रहे हैं और सोचते थे कि कभी रेस्टोरेंट खोलेंगे, यही वह होगा। गौरव पटवा ने बताया कि उसने बीकॉम के बाद एमबीए किया और फिर कुछ समय के लिए एक निजी बैंक में काम किया।
गौरव ने बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने स्टार्टअप शुरू करने के बारे में सोचा। इस पर दोस्तों ने उन्हें सलाह दी कि बचपन से जिस रेस्टोरेंट को खोलना चाहते थे, वहां काम करें। रेस्टोरेंट के मालिक गौरव पटवा ने बताया कि उन्हें बचपन से ही खाना बनाने का शौक था. दोस्त जब भी पार्टी करते थे तो खाना भी वही बनाते थे। साथ ही वो जो भी बनाते थे सबको पसंद आता था।
स्टार्टअप शुरू करने का मन बनाने के बाद गौरव ने सबसे पहले टिफिन सेंटर खोला। वह भी चलने लगा, लेकिन फिर कोरोना काल शुरू हो गया और पूरे देश में लॉकडाउन हो गया. जब सब परेशान थे तो गौरव ने अपने टिफिन सेंटर का नाम ‘मेले बाबू ने थाना थाया’ रखा, जिसे खूब पसंद किया गया।
कोरोना काल के समय मे सभी लोगों को खुश करने के लिए रखा गया यह नाम गौरव ने मीडिया को बताया कि यह नाम रखने के पीछे उनकी मंशा यह थी कि जो भी आए, भले ही वह एक पल के लिए ही क्यों न हो, लेकिन नाम सुनकर खुश हो जाएगा। क्योंकि कोरोना ने सबको तोड़ दिया था। इसके बाद जब लॉकडाउन खत्म हुआ तो उन्होंने टिफिन सेंटर को रेस्टोरेंट में तब्दील कर दिया।
लोग भी इस रेस्टोरेंट में आने लगे। वहीं गौरव पटवा ने यह भी बताया कि जिस तरह से इंदौर की 56 दुकानें और सर्राफा बाजार पूरे देश में मशहूर हैं, उसी तरह गौरव को भी अपनी अलग पहचान बनानी है. इसके लिए उन्होंने दोनों जगहों के बीच अपना रेस्टोरेंट खोलकर एक ऐसा नाम दिया जो मोबाइल फोन पर कई जोक्स में इस्तेमाल किया जाता था। इससे गौरव पटवा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
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