खंडवा (Khandwa) में गणेश चतुर्थी पर एक मूर्तिकार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है. मूर्तिकार सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ स्कूलों में जाकर बच्चों को मुफ्त में मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाना सिखा रहे हैं।
लोग मूर्तिकार के कार्यों की सराहना कर रहे हैं। कुछ ही दिनों में विघ्नहर्ता भगवान गणेश अपने भक्तों के घर आने वाले हैं। इसको लेकर चारों तरफ तैयारी चल रही है। उधर, खंडवा जिले में गणेश उत्सव से पहले एक इको फ्रेंडली मूर्तिकार ने गणेश प्रतिमाओं को इको फ्रेंडली बनाने की पहल की है।
यह मूर्तिकार छात्रों को सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ स्कूल-कॉलेजों में जाकर मुफ्त में मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं बनाना सिखा रहा है। बच्चे भी बड़े उत्साह से गणेश प्रतिमा बना रहे हैं और अपने घरों में ही मिट्टी की मूर्ति बनाने का संकल्प ले रहे हैं।
Khandwa में मिट्टी की मूर्ति बनाना सिखा रहे स्कूली छात्र-छात्राएं
आज से तीन दिन बाद यानी 31 अगस्त से 10 दिवसीय गणेश उत्सव शुरू हो जाएगा। सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ घर-घर में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। ज्यादातर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां बाजार में बिकती हैं। इनमें बहुत अधिक मात्रा में रासायनिक रंग का प्रयोग किया जाता है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
इसको लेकर खंडवा (Khandwa) के पर्यावरण प्रेमी और सर्राफा व्यापारी धर्मेंद्र जौहरी सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों के साथ स्कूल कॉलेज पहुंचकर छात्रों को मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाना सिखा रहे हैं।
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पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए उठाया बड़ा कदम
स्कूली छात्र भी बड़े उत्साह से गणेश के विभिन्न रूपों की प्रतिमाएं बना रहे हैं। धर्मेंद्र जौहरी ने बताया कि वह पिछले 6 साल से लोगों को मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाना सिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बस यही सोच है कि मिट्टी को मिट्टी में मिला दिया जाए ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो,
इसके लिए वह इस काम में लगे हुए हैं. अब तक 5 हजार से अधिक लोगों को मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं बनाना सिखाया जा चुका है। वे अपने घर पर सीखने के साथ-साथ निजी स्कूल-कॉलेजों में जाकर मिट्टी की इन गणेश प्रतिमाओं को बनाना भी सीख रहे हैं।
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घर में विसर्जित की जा सकती है मूर्ति
एक निजी स्कूल में बड़ी संख्या में छात्रों ने धर्मेंद्र जौहरी से मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं बनाना सीखा। यहां छात्रों ने गणेश के विभिन्न रूपों की गणेश प्रतिमाएं बनाईं। छात्रों ने कहा कि हम अपने हाथों से मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाओं को अपने घरों में स्थापित करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 10 दिनों तक गणेश जी की मूर्ति की पूजा करने के बाद वह इस मिट्टी की मूर्ति को अपने घर में विसर्जित कर देंगे। यह मिट्टी गमले में पौधा बनाएगी।
समाज में पहुंच रहा अच्छा संदेश
आपको बता दें कि धर्मेंद्र जौहरी के इस काम की हर कोई तारीफ कर रहा है. हमारा धंधा छोड़कर पर्यावरण की रक्षा के लिए नि:स्वार्थ भाव से यह अभियान चलाकर समाज में एक अच्छा संदेश पहुंच रहा है।