विधायक सचिन बिरला की सदस्यता निरस्त नहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने ऐसे दिया झटका

विधायकदिनेश पाटनी सनावद. कांग्रेस द्वारा दलबदल के कई साक्ष्य देकर पार्टी विधायक सचिन बिरला की विधायकी को समाप्त करने के दूसरे आवेदन आवेदन को भी विधानसभा अध्यक्ष ने निरस्त कर दिया है। इस तरह अब कांग्रेस को फिर से साक्ष्यों के आधार पर आवेदन करना होगा।

पिछले साल अक्टूबर महीने में खंडवा लोकसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चुनावी सभा में भाजपा ज्वाइन करने का ऐलान किया था। इस दौरान कई फोटो और वीडियो वायरल हुए थे।

इसके बाद सचिन बिरला के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए कांग्रेस द्वारा दो बार विधानसभा अध्यक्ष को सदस्यता समाप्त करने के लिए आवेदन किए गए लेकिन दोनों ही आवेदनों में खामियां बताकर उन्हें विचार योग्य नहीं पाया गया। इससे सचिन बिरला अभी तक विधायक बने हुए हैं

आवेदन में बताई खामियां

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कांग्रेस के आवेदन पर विचार करते हुए पिछले सप्ताह उन्हें सुनवाई का मौका दिया था। इसके बाद आवेदन के साथ दिए गए साक्ष्यों का परीक्षण किया गया तो कई तकनीकी खामियां पाई गईं। सूत्रों ने बताया कि जो भी साक्ष्य पेश किए गए,

वे सही ढंग से प्रामाणित नहीं थे। वीडियो और अखबारों की कटिंग को साक्ष्य के रूप में आवेदन में दिया गया था। सचिन बिरला के भाजपा में ज्वाइन करने के बाद जिन लोगों ने उनसे साक्षात्कार लिया था, उनकी प्रामाणित जानकारी की भी कमी पाई गई।

अब क्या होगा

कांग्रेस के दूसरे आवेदन के विचार योग्य नहीं पाए जाने के बाद अब पार्टी को नया आवेदन करना होगा। उस आवेदन पर फैसला देने के लिए भी विधानसभा अध्यक्ष के पास 90 दिन का समय होगा। ऐसे में सचिन बिरला विधानसभा के सदस्य बने रहेंगे और अपने विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि का उपयोग करते रहेंगे।

यह भी पढ़े: इस राज्य के संस्कृत के सरकारी कॉलेजों में 50% से अधिक पद हैं अभी भी खाली