MP में चांदीपुरा वायरस की घुसपैठ, माता-पिता में डर का माहौल, नहीं हैं इसका कोई इलाज

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) राज्य से एक जरूरी खबर है, जो MP के निवासियों के लिए कहीं न कहीं डरावनी है। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) को लेकर अलर्ट पर हैं। बता दें कि भोपाल के स्वास्थ्य विभाग ने चांदीपुरा वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी की है।

एडवाइजरी जारी में बताया गया है कि चांदीपुर वायरस का को खास ट्रीटमेंट नहीं है। वहीं सरकार ने स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर को सतर्क रहने के लिए कहा है। एडवाइजरी के अनुसार, बीमारी से वेक्टर कंट्रोल व्यक्तिगत सुरक्षा और लोगों को जागरूक करके इस बीमारी से बचाया जा सकता है।

चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) के लक्षणों को देखते हुए संदिग्ध मामलों को अच्छे स्वास्थ्य विभागों में रेफर करने के लिए बोला गया है।

ये मामले आ रहे हैं सामने

एडवाइजरी के मुताबिक, इस वायरस की चपेट में ज्यादातर 18 साल से कम उम्र के बच्चे हो रहे हैं। जून में 15 साल से कम उम्र के बच्चों में केस पाए गए। वहीं 31 जुलाई को देश में 148 मामलों में 59 मामलों में मरीजों की मौत हुई। वहीं 51 मामलों में चांदीपुरा वायरस पाया गया।

ये रहे चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) के लक्षण

चांदीपुरा वायरस के लक्षण की बात करें तो इनमें तेज बुखार आना, मानसिक स्थिति या चेतना में परिवर्तन, मरीज को बुखार आने के बाद उल्टी का होना, बोलने में असमर्थ, संतुलन की हानि, दृष्टि में परिवर्तन के साथ सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, फोटोफोबिया, दौरे, आक्षेप और दस्त शामिल हैं।

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क्या है चांदीपुरा वायरस?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, चांदीपुर वायरस पहली बार 1965 में नागपुर, महाराष्ट्र के एक गांव में बुखार से पीड़ित दो लोगों में पाया गया और इनका इलाज किया। कहा जा रहा है कि इस वायरस का नाम इस गांव के नाम पर रखा गया था। फिलहाल सरकार ने स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर से सतर्क रहने की सलाह दी है।