पूरे साल में सिर्फ नागपंचमी पर होती है ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित नागेश्वर देव की पूजा, इसका कारण और महत्व जानिए

Bhopal Breaking News Special: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थित नागेश्वर बाबा की मूर्ति की पूरे साल में एक बार पूजा की जाती है। यह पूजा नागपंचमी के दिन होती है। यह उसी तरह है जैसे कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर को साल-भर में एक बार खोला जाता है।

मंदिर में पूजन और आरती राज परिवार के द्वारा की जाती है। इसी परंपरा का निर्वाहन शुक्रवार को नागपंचमी पर किया जाएगा। ओंकारेश्वर मंदिर में जो गर्भगृह है उसके मुख्य द्वार के पास भगवान नागेश्वर देव स्थित हैं।

यहां जमीन में बनी हुई नाग देवता की मूर्ति की पूजा पूरे साल में एक बार सिर्फ नागपंचमी के दिन की जाती है। यहां के पडिंतों के अनुसार चांदी दरवाजे के पास इसको फर्श से ढ़ककर रखा जाता है। नागपंचमी त्यौहार के दिन दोपहर को लगभग साढ़े बारह बजे यहां पूजा अर्चना की जाएगी।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित नाग देव की नागपंचमी पर होती हैं भोग आरती

परंपरा के अनुसार, ओंकारेश्वर राज परिवार के सदस्यों के द्वारा ही पंचमी पर पूजन की परंपरा की जाती है। वहीं शुक्रवार को भगवान ओंकारेश्वर की भोग आरती होगी। इस आरती में राज परिवार के सदस्य और मुख्य ट्रस्टी राव देवेंद्र सिंह समेत परिवार के सभी लोग शामिल होंगे। नागपंचमी त्यौहार के अवसर पर भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर का बड़ा ही महत्व है।

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