कैमूर पहाड़ी पर धर्म परिवर्तन बसे गांवों में आदिवासी समुदाय के लोगों को शिक्षा और चिकित्सा सेवा देने के नाम पर धर्म परिवर्तन का दौर चल रहा है. इसी कड़ी में 59 अनपढ़ लड़कियों को एक धार्मिक मिशनरी के कथित पादरी के पास वापस लाया गया।
कैमूर पहाड़ी पर स्थित गांवों में शिक्षा और चिकित्सा सेवा के नाम पर आदिवासी समुदाय को गुमराह कर धर्म परिवर्तन का दौर जारी है. इसी कड़ी में एक धार्मिक मिशनरी के कथित पादरी रामबरन करट्टा और सिस्टर संगीता द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षण के नाम पर पहाड़ी गांवों की 59 निरक्षर लड़कियों को नागपुर ले जाने की बात आते ही प्रशासन ने कान खड़े कर दिए हैं.
नागपुर ले गई 51 लड़कियों को बुधवार सुबह तक घर वापस लाया जा चुका है. हालांकि बाल कल्याण के निर्देश पर आठ किशोरियों को बालिका गृह में रखा गया. रोहतास पुलिस अभी भी इस मामले में कथित पादरी रामबरन करट्टा से पूछताछ कर रही है. उसके कहने पर नागपुर में संचालित संस्था से संपर्क कर जानकारी जुटाई जा रही है।
यह खेल कब से चल रहा है
इसका पता भी जिला प्रशासन ही लगा रहा है. डेहरी एएसपी नवजोत सिमी के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है। टीम में रोहतास थाने के एसएचओ को भी शामिल किया गया है. टीम ने लड़कियों के माता-पिता और प्रलोभन देने वालों से पूछताछ शुरू कर दी है। एसपी ने कहा कि इस मामले में ठोस कार्रवाई की जाएगी। वहीं, हिरासत में लिए गए व्यक्तियों से भी पूछताछ कर रहे है. स्कूल व स्वास्थ्य उपकेंद्र की बदहाली का फायदा उठा रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार सरकारी स्कूल व स्वास्थ्य उपकेंद्र में शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था की खराब स्थिति के कारण लोगों का झुकाव धार्मिक मिशनरी के स्कूल व मेडिकल सेंटर की ओर बढ़ रहा है और लोग धर्मांतरण कर रहे हैं. पूछताछ के दौरान उक्त पादरी ने स्वीकार किया है कि वह वर्षों से इस काम में लगा हुआ है. पहाड़ी गांवों के कई बेरोजगार युवा मिशनरियों से जुड़कर धर्म प्रचार में लगे हैं। इसके बदले में उन्हें कुछ राशि पारिश्रमिक के रूप में भी दी जाती है।
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