Government ने कैबिनेट की बैठक में मामले को मंजूरी दी
मुहर लगने से अब विशेषज्ञ डॉक्टरों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 67 वर्ष कर दी गई है। इससे पहले विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया था। वित्त एवं कार्मिक विभाग ने मंजूरी दे दी है। साथ ही फाइल सीएम को भेजी गई है। वहीं, कैबिनेट में इसे मंजूरी मिल गई है। जिसके बाद गैर शैक्षणिक संवर्ग के चिकित्सा कर्मचारियों की
सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 67 वर्ष कर दी
बैठक के दौरान कैबिनेट ने राज्य स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा के गैर-शिक्षण और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. एवं परिवार कल्याण विभाग 65 वर्ष से 67 वर्ष तक। दरअसल,
2015 में पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में गैर-शिक्षण गैर-शिक्षण डॉक्टरों के साथ-साथ संकाय सदस्य डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी थी।
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2017 तक, सरकार के पास 5,000 की आवश्यकता के मुकाबले केवल 2000 राज्य स्वास्थ्य सेवाएं थीं। सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की कवायद तीन साल से चल रही थी। हालांकि कोरोना काल समेत अन्य गतिविधियों के चलते यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
सरकारी डॉक्टर-कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष पहले की गई थी। हालांकि, डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए इसे 3 साल के लिए बढ़ा दिया गया था। नियुक्ति न होने के कारण एक बार फिर इसे 2 साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
आपको बता दें कि अगर डोकरी की सेवानिवृत्ति की आयु 2 साल नहीं बढ़ाई जाती तो राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी हो जाती. वहीं, राज्य में डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी जल्द ही शामिल कर लिया जाएगा।
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