गौरव दिवस की नौटंकी करने वाले अब हो जाओ सावधान-आचार्य सत्यम

उज्जैन। आदर्श जल प्रबंधन के लिए विश्वविख्यात महाकालेश्वर और विक्रम की पौराणिक महानगरी उज्जयिनी की विरासत का सर्वनाश कर विक्रम संवत् वर्ष प्रतिपदा पर उज्जयिनी में और प्रजामाता देवी अहिल्या की जन्मतिथि का इंदौर में गौरव दिवस के आयोजन-कर्ताओं ने स्वतंत्र भारत में विश्व में कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं।

देवभूमि भारत जो नारियों की पूजा के लिए जानी जाती है उसे विश्व दुष्कर्म शिरोमणि तथा सोने की चिड़िया भारत को अंतरराष्ट्रीय भिखारी और दिवालिया बनाने वाले अब अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए नई नई नौटंकियां कर रहे हैं।मालव रक्षा अनुष्ठान के संयोजक,

आचार्य सत्यम् ने वक्तव्य प्रसारित कर आगामी 2 अप्रैल गौरव दिवस की नौटंकी के लिए शिवराज सरकार के विरूध्द तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि हजारों करोड़ रूपयों की बर्बादी के बाद ग्रीन सिंहस्थ, ग्रीन उज्जैन और निनौरा पर्यावरण कुंभ के बावजूद,

आज गंगाधर महाकालेश्वर की उज्जयिनी में 5 शासकीय पेयजल योजनाओं के बाद इंदौर और देवास का प्रदूषित पेयजल पीने को बाध्य है। विगत दिनों श्री महाकालेश्वर महालय के प्रांगण में दो विशाल पीपल के पेड़ रात के अंधे में स्मार्ट सिटी के धुरंधरों ने काट डाले।

अगले दिन इसी देववृक्ष पीपल की सनातनधर्मी नारियों ने पूरे देश और दुनिया में पूजा की। इस कृत्य के लिए पर्यावरण विनाशकों और भारतीय संस्कृति के द्रोहियों को शर्मा नहीं आ रही है। इसी प्रकार मोक्षदायिनी शिप्रा की प्रदूषण मुक्ति के लिए अरबों रूपया तुगलकी योजनाओं पर फूंकने वाले उज्जयिनी में,

शिप्रा में गाद भरकर रामघाट तक को अकाल मौत घाट बनाकर भी गौरव दिवस मनाकर पांच हजार वाहनों के साथ वाहन रैली निकालने का पर्यावरण विनाशक आयोजन बेशर्मी से करने जा रहे हैं। आचार्य सत्यम् ने चेतावनी दी कि जिस तरह विध्वंसक रूसी मिसाइलों की मार से अपना देश और जनता को बर्बाद करवाने वाले जुमलेबाज मसखरे जेलेंस्की के आंसू बह रहे हैं उससे अगर देश जुमलेबाजी ने सीख नहीं ली तो उनका हश्र भी जेलेंसी जैसा होगा।

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